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📘 कक्षा 10 – क्षितिज भाग 2 (गद्य खंड)

✍️ अध्याय 7: स्वयं प्रकाश – अभ्यास प्रश्न उत्तर

इस अध्याय में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मूर्ति और एक चश्मेवाले व्यक्ति की देशभक्ति को केंद्र में रखकर समाज की सोच, संवेदना और जिम्मेदारी को दर्शाया गया है। नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर परीक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

 प्रश्न 1: सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?

उत्तर:

  • चश्मेवाला कभी सेनानी नहीं रहा, वह तन से बूढ़ा और कमजोर था।
  • उसके मन में देशभक्ति की भावना अत्यंत प्रबल थी।
  • वह नेताजी सुभाषचंद्र बोस का सम्मान करता था।
  • नेताजी की बिना चश्मे वाली मूर्ति देखकर वह आहत होता था।
  • वह अपनी ओर से मूर्ति पर चश्मा लगाता था।
  • उसकी इस भावना के कारण लोग उसे नेताजी का साथी या सेना का कैप्टन कहकर सम्मान देते थे।

प्रश्न 2: हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले गाड़ी रोकने से मना किया, फिर तुरंत रोकने को क्यों कहा?

(क) हालदार साहब पहले मायूस क्यों हो गए?

  • उन्हें पता चला कि कैप्टन की मृत्यु हो चुकी है।
  • अब मूर्ति पर चश्मा लगाने वाला कोई नहीं बचा।
  • मूर्ति बिना चश्मे के ही खड़ी रहेगी।

(ख) मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है?

  • यह दर्शाता है कि देशभक्ति अभी समाप्त नहीं हुई है।
  • नई पीढ़ी में भी देश के प्रति श्रद्धा और सम्मान है।
  • बच्चों के मन में स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति आदर है।

प्रश्न 3: “बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का…” — इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:

  • हालदार साहब कैप्टन की मृत्यु से दुखी थे।
  • उन्हें लगा कि ऐसे देशभक्त ही आशा की किरण हैं।
  • बाकी लोग देश के लिए मरने वालों पर हँसते हैं।
  • नेताजी की मूर्ति अधूरी बनाई गई थी।
  • मूर्ति पर चश्मा लगाने वाले कैप्टन को लोग पागल कहते थे।
  • ऐसे स्वार्थी समाज में देश का भविष्य कैसे सुरक्षित रहेगा?

प्रश्न 4: पानवाले का एक रेखाचित्र प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर:

  • पानवाला साक्षात पान-भंडार था।
  • उसके मुँह में हमेशा पान ठुँसा रहता था।
  • बात करने से पहले उसे थूकना पड़ता था।
  • वह हँसोड़, रसिया और मजाकिया स्वभाव का था।
  • शरीर से मोटा और तोंद वाला था।
  • हँसने पर तोंद थिरकती थी और लाल-काले दाँत चमकते थे।
  • उसकी बोली में व्यंग्य और हास्य का पुट रहता था।

प्रश्न 5: “वो लँगड़ा क्या जाएगा फौज में…” — इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दीजिए।

उत्तर:

  • यह टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण और असंवेदनशील है।
  • कैप्टन की देशभक्ति को समझना चाहिए था।
  • वह नेताजी की मूर्ति पर चश्मा लगाकर श्रद्धा प्रकट करता था।
  • उसकी शारीरिक कमजोरी को नहीं, भावना को देखना चाहिए।
  • ऐसे व्यक्ति को पागल कहना अनुचित है।

प्रश्न 6: पानवाला हँसोड़ है, परंतु उसके हृदय में संवेदना भी है — इस कथन पर विचार व्यक्त कीजिए।

उत्तर:

  • पानवाला चश्मेवाले की हरकतों पर हँसता था।
  • लेकिन उसकी मृत्यु के बाद उसे एहसास हुआ कि वह सच्चा देशभक्त था।
  • यह सोचकर उसकी आँखों में आँसू आ गए।
  • इससे उसकी संवेदनशीलता स्पष्ट होती है।

प्रश्न 7: कैप्टन बार-बार मूर्ति पर चश्मा क्यों बदलता था?

उत्तर:

  • वह नेताजी का परम भक्त था।
  • मूर्ति पर चश्मा न देखकर वह आहत होता था।
  • वह चश्मे बेचता था, इसलिए मूर्ति पर चश्मा लगाता था।
  • ग्राहक को पसंद आने पर वह चश्मा बेच देता और दूसरा लगा देता।
  • इस कारण मूर्ति पर चश्मा बार-बार बदलता था।

 प्रश्न 8: हालदार साहब के मन में कैप्टन का कौन-सा चित्र रहा होगा?

उत्तर:

  • उन्होंने कल्पना की थी कि कैप्टन हट्टा-कट्टा और रौबदार होगा।
  • वह फौजी टोपी पहनता होगा।
  • उसकी वाणी में भारीपन और अनुशासन होगा।
  • वह दबंग और प्रभावशाली व्यक्ति होगा।

प्रश्न 9: चौराहों पर मूर्तियाँ लगाने का उद्देश्य क्या हो सकता है?

(क) उद्देश्य:

  • प्रसिद्ध व्यक्तियों को याद रखना।
  • उनसे प्रेरणा लेना और उनके गुणों को अपनाना।
  • समाज में अच्छे कार्यों को बढ़ावा देना।

(ख) किसकी मूर्ति लगवाना चाहेंगे और क्यों?

  • राष्ट्रीय महापुरुषों, संतों, ऋषियों, साहित्यकारों और वैज्ञानिकों की।
  • ताकि उनकी स्मृति बनी रहे और नई पीढ़ी प्रेरणा ले सके।

(ग) मूर्ति के प्रति क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए?

  • देखभाल और साज-सँवार करना।
  • समय-समय पर सफाई और सम्मान देना।

प्रश्न 10: महत्त्व मूर्ति के रंग-रूप का नहीं, भावना का है — स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:

  • नेताजी की मूर्ति सुंदर थी लेकिन चश्मा नहीं था।
  • हालदार साहब ने सोचा कि मूर्ति की बनावट से अधिक महत्त्व भावना का है।
  • मूर्ति बनाकर कस्बे वालों ने देशभक्ति का परिचय दिया।
  • इसलिए मूर्ति की कमी नहीं, भावना की गहराई देखनी चाहिए।

    अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) – कक्षा 10 हिंदी क्षितिज भाग 2, अध्याय 7: स्वयं प्रकाश

    1. स्वयं प्रकाश कहानी का मुख्य संदेश क्या है?

    उत्तर: यह कहानी देशभक्ति, संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी को उजागर करती है। नेताजी की मूर्ति पर चश्मा लगाने वाले वृद्ध व्यक्ति की भावना यह दर्शाती है कि सच्ची देशभक्ति केवल युद्ध में भाग लेने से नहीं, बल्कि विचारों और श्रद्धा से भी प्रकट होती है।

    2. चश्मेवाले को लोग ‘कैप्टन’ क्यों कहते थे?

    उत्तर: वह कभी सेनानी नहीं रहा, लेकिन नेताजी सुभाषचंद्र बोस के प्रति उसकी गहरी श्रद्धा और मूर्ति पर चश्मा लगाने की भावना ने लोगों को उसे ‘कैप्टन’ कहने पर मजबूर किया। यह सम्मान उसकी देशभक्ति के प्रतीक के रूप में था।

    3. पानवाले के चरित्र में हास्य और संवेदना कैसे दिखाई देती है?

    उत्तर: पानवाला मजाकिया और हँसोड़ स्वभाव का था, लेकिन जब कैप्टन की मृत्यु हुई, तो उसकी आँखों में आँसू आ गए। इससे स्पष्ट होता है कि उसके भीतर संवेदना भी थी और वह देशभक्ति को समझता था।

    4. मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा किस बात की ओर संकेत करता है?

    उत्तर: सरकंडे का चश्मा यह दर्शाता है कि देशभक्ति की भावना अभी भी जीवित है। यह संकेत करता है कि नई पीढ़ी स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति श्रद्धा और सम्मान रखती है।

    5. हालदार साहब की सोच कहानी में किस प्रकार बदलती है?

    उत्तर: शुरुआत में हालदार साहब मूर्ति की बनावट पर ध्यान देते हैं, लेकिन अंत में उन्हें एहसास होता है कि महत्त्व मूर्ति के रंग-रूप का नहीं, बल्कि उस भावना का है जो उसे स्थापित करने के पीछे है।

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